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गुरुवार, 6 अक्तूबर 2016

आदर्शवाद

हम आदर्शवादी लोग
ढूंढ लेते हैं आदर्श
हर एक जगह
आदर्शवाद क्या है?
मृगतृष्णा।
हम हर बार दौड़े
पर कभी नही मिला आदर्श।
मैं तीन कदम आगे चलता हूं 
 ढूंढने  के लिए आदर्शवाद को
जिसने हमें,
दो कदम आगे चलाया
और तीन कदम पीछे।
मैं फिर तीन कदम आगे चलता हूं 
पा जाने को  आदर्शवाद को
जिसकी खातिर हमने,
झुठलाया आज को।
मैं फिर तीन कदम आगे चलता हूं 
पा जाने को उस लय को
जिससे पा सकता मैं,
 आदर्शवाद को
मैं  फिर तीन कदम आगे चलता हूं?
नहीं,अब मैं नही  चलता एक कदम भी,
पा लेने को आदर्शवाद को।
नही पाना मुझको
ऐसा आदर्श अपना
जो ठहरा महज़ कल्पना
या रेगिस्तान में मृगतृष्णा।
मैं  अपने आज को जी कर
नए कल का आह्वान करूं 
क्यों आदर्श के पीछे भागूं 
क्या न अपने आदर्श का निर्माण करुं 

1 टिप्पणी:

  1. जो चीज सम्भव ही नहीं है उसी का नाम आदर्श है।वास्तविकता मे विश्वास रखने वाले आदर्श मे नहीं जीते।

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अंतिम पत्र

 प्रियतमा,          उम्मीद है तुम खैरियत से होंगी। मैं आज भी तुम्हारे बैचेन और उदास हूं। और अपने बाते लम्हात याद कर रहा हूं। मैं यह तो नहीं ...

tahlka