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शनिवार, 30 मार्च 2024

अंतिम पत्र

 प्रियतमा,

         उम्मीद है तुम खैरियत से होंगी। मैं आज भी तुम्हारे बैचेन और उदास हूं। और अपने बाते लम्हात याद कर रहा हूं।

मैं यह तो नहीं कह सकता है कि मैंने तुम्हें पहली बार तुम्हें तब देखा और तुम्हारी मुहब्बत में गिरफ्तार होगया। क्योंकि मैं तो तुम्हें अपने आखिरी याद को टटोलता हूं तो वहां भी पाता हूं। आज मुझे तुमसे मुहब्बत है हद से ज्यादा है। लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था और 2019 से पहले तो मैं सोच सकता भी नहीं था।

असल कहानी शुरू होती है 2018 से। जब से मैं तुमसे व्हटअप पर जुड़ा और बात शुरू हुई।

हांलांकि ये बातें सिर्फ नोर्मल थी जोकि कजन आपस में कर लेते हैं‌। तब भी तुम्हें में उस नजरिए से नही सोचता था। मैने इसी दौरान तुम्हारे दर्द को महसूस किया।‌ इस पर मैंने एक नज़्म भी लिखी।

फिर एक दिन तुमने मैसेज किया कि क्या तुम मुझसे प्यार करते हो? यह वोह वक्त‌ जब मैं तुम्हारी जानिब माइल हो चुका था।

मैने कहा 'हां' और तुमने कहा कि मैं तो मज़ाक कर रही थी। लेकिन मैं तुम्हारी मुहब्बत में गिरफ्तार हो चुका था।

ऐसे ही खट्टी-मीठी बातों के साथ वक्त बीता और फिर ग़लबन 2020 में फिर आया वक्त जिस जिन वो घटना हुई कि तुम मुझे कहती हो कि मैंने तुम्हारा प्यार छीन लिया।

एक दिन तुमने कहा कि मैं तो‌ T से शादी करूंगी। इत्तेफाक से उस शाम को T आया और बाजी ने कहा मुमानी का नम्बर दियो कुछ बात करनी है। मुझे लगा कि तुमने T से बात‌ करके बाजी से कहा होगा तभी तो बाजी बात करने के नम्बर मांग रही हैं। मैने तुम्हे मैसेज करा और उसके बाद हुई लड़ा मेरे तुम्हारी और T की  कांफ्रेंस काल पर खत्म हुई। मैं बहुत रोया , तुमने कॉल करके बात करी तसल्ली और खाना खिलवाया और मुझे आज भी याद है तुमने कहा था कि शोएब मैं हैरान हूं कि आज के दौर में भी इस तरह मुहब्बत कर सकता है।

इसके बाद मैं तुम्हारे मुहब्बत के दरिया में डूबता चला गया। हम बात करते रहे लड़ते रहे, रोते रहे।


मैं लड़ता तो तुम रो देती और तुम लड़ ती तो मैं मना लेता था। वक्त गुजारा गया  और हमारी मोहब्बत और गहरी होता गई और फिर वो हुआ जो नहीं होना था। हम जिस्मानी तौर पर भी करीब आ गए।

और तुम...... तुम्हें लगता है कि इस बात का दुख सिर्फ तुम्हें ही है। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा। ऐसा नहीं है 

 बताओ मैं क्या करता ? और तब भी क्या कर लिया सब कदम तुमने खुद अपनी मर्जी से उठाए, मैं जब भी आया तुम जा चुकी।

मुझे भी तुम्हारा जितना दुख है। मैं आज भी रातों को सो नहीं पाता हूं।

प्रिय मैंने तुमसे मुहब्बत कोई व्यापार के तौर पर नहीं की है। मैं तुम्हें अपने दिल और रूह की गहराई से चाहता हूं। मैं अपनी सारी जिंदगी तुम्हारे  पहेलू में गुजार देना चाहता हूं। तुम्हें खुद अंदाजा है मेरी मुहब्बत का।

अगर तुम्हें मुझसे कोई शिकायत है तो‌ बताओ। मैंने कब तुम्हारी बात को काटा है।

आखिर तुमसे मुहब्बत की है। अब ये नफरत में नहीं बदल सकती मरते दम तक

न ही नफरत है न ही होगी। हां ख़ुद पर ज़रूर अफसोस रहेगा कि............

न मैने तुम्हें छोड़ा न हि कोई बेवफाई की है। मेरे लिए पहल प्यार आख़िरी प्यार दोनो तुम थी हो और रहोगी।

 तुम मुझे मिलों(इसकी उम्मीद अब न की बराबर हैं) या न मिलो, मगर मेने तुम्हें हमेशा के लिए संजो कर रखने का फैसला कर लिया है। 


मैं अल्लाह की कसम खा कर यह भी कहता हूं कि मैंने न कभी किसी का बुरा चाहा और न ही सोचा

मैं अल्लाह की कसम खा कर यह भी कहता हूं मुझे जितना तुमसे प्यार है उतना ड़र भी है। इसी वजह से मैं अकसर तुमसे बात करने में खौफ भी खाता हूं।

मैं अल्लाह की कसम खा कर यह भी कहता हूं कि मैंने कभी तुम्हे लेकर कभी भी कोई गलत सोच या इरादा नही रहा।

मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं। ऐसा कोई दिन कोई नमाज़ नहीं गई जिसमें मैंने तुम्हें न मांगा हो। मगर अब मेरा हौसला पस्त हो रहा है। मेरी हिम्मत जवाब दे रही है। सारी रात वहटस अप पर तुम्हारा नम्बर खोल कर इंतजार करता रहता हूं कि तुम अनब्लॉक करके कहोगी कि पागल मैं तो मज़ाक कर रही थी तू तो मेरी नस-नस में बसा है। मगर मुद्दत हो गई इंतजार करते-करते। आंखें रोते रोते मंद पड़ गई मगर तुमने अनब्लॉक नहीं किया। पिछले दो हफ्ते में सिर्फ दो दिन सोया हूं वो भी नींद की दवाई खाने के बाद।

मैं तुम्हारे गम में घुला जा रहा और तुम हो कि तुम्हे कोई अहसास ही नहीं है।

खुदाया ऐसी बेहिस मत बनो, मुझ पर इस तरह जुल्म न करों। मान भी  जाओ। नौकरी करके तुम्हारा और अपना खर्च उठा लुंगा। प्लीज़ तुम इंकार मत करना मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूं और हमेशा करता रहूंगा यहां तक कि मैं मर जाउ या कयामत‌ आ जआए।

तुम हमेशा मेरे दिल मेरी यादों में बसी रहोगी।मैं हमेशा इतंजार करता रहूंगा।

 दिल को है तेरी तमन्ना, दिल को है तुमसे ही प्यार

तू आए या न आए हम करेंगे इंतजार।


                                तुम्हारा मुंतजिर

तुम्हारा पागल जोगी


हाँ दिल का दामन फैला है 

क्यूँ गोरी का दिल मैला है 

हम कब तक पीत के धोके में 

तुम कब तक दूर झरोके में 

कब दीद से दिल को सेरी हो 


इक बार कहो तुम मेरी हो

 

क्या झगड़ा सूद ख़सारे का 

ये काज नहीं बंजारे का 

सब सोना रूपा ले जाए 

सब दुनिया, दुनिया ले जाए 

तुम एक मुझे बहुतेरी हो 

इक बार कहो तुम मेरी हो

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