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मंगलवार, 26 फ़रवरी 2019

स्वप्न

हंसी मजाक के वातावरण में
जब गुजर जाते हैं
अनेक दिन
तो प्रतीत होने लगता है
वास्तविक ।

 हंसी मजाक में
तप कर
बाहर निकलने वाला सच
मानो सोना खरा।

हाँ  मुझे स्वीकार है
पसंद करता हूँ तुमको
और  कि तुमसे प्यार है।

 पर यह रहस्य 
अब तक रखा है
छुपा कर
अब तुम भी
राजदार हो।

 आह!
निंद्रा
तुम फिर विचलित हो गई
स्वप्न से जाग गया मैं,
मेरे स्वप्न टूटने की
तुम भी जिम्मेदार हो।

#शोएबवाणी

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