हंसी मजाक के वातावरण में
जब गुजर जाते हैं
अनेक दिन
तो प्रतीत होने लगता है
वास्तविक ।
हंसी मजाक में
तप कर
बाहर निकलने वाला सच
मानो सोना खरा।
हाँ मुझे स्वीकार है
पसंद करता हूँ तुमको
और कि तुमसे प्यार है।
पर यह रहस्य
अब तक रखा है
छुपा कर
अब तुम भी
राजदार हो।
आह!
निंद्रा
तुम फिर विचलित हो गई
स्वप्न से जाग गया मैं,
मेरे स्वप्न टूटने की
तुम भी जिम्मेदार हो।
#शोएबवाणी
जब गुजर जाते हैं
अनेक दिन
तो प्रतीत होने लगता है
वास्तविक ।
हंसी मजाक में
तप कर
बाहर निकलने वाला सच
मानो सोना खरा।
हाँ मुझे स्वीकार है
पसंद करता हूँ तुमको
और कि तुमसे प्यार है।
पर यह रहस्य
अब तक रखा है
छुपा कर
अब तुम भी
राजदार हो।
आह!
निंद्रा
तुम फिर विचलित हो गई
स्वप्न से जाग गया मैं,
मेरे स्वप्न टूटने की
तुम भी जिम्मेदार हो।
#शोएबवाणी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें