एक सीप को चाहा था जिसमें सिमटा था मोती,
हर प्रयास विफल हुआ न सीप मिला, ना मोती।
हर प्रयास विफल हुआ न सीप मिला, ना मोती।
एक सदफ लिए निकले थे कि कहीं मिल जाए जाम ए जम
मगर उसको भी भर कर ले गए प्याले वाले।
मगर उसको भी भर कर ले गए प्याले वाले।
इस तरह बयाँ करू व्यथा अपनी
सुन कान लगा, हंसते हैं सताने वाले।
सुन कान लगा, हंसते हैं सताने वाले।
मेरे महबूब तुझे चाहने का मिला है यह सिला,
रंजो गम में हम हो रहे कतरा कतरा।
रंजो गम में हम हो रहे कतरा कतरा।
जब चले थे इस मंजिल की तरफ तो साथी थे बहुत,
अब सब ने पकड़ ली है अलग अलग राहें ।
अब सब ने पकड़ ली है अलग अलग राहें ।
क्या पुछते है शोएब से तुम हाल उसका,
उसके हालात कुजा उसकी बात कुजा है
उसके हालात कुजा उसकी बात कुजा है
शब्दार्थ:
सदफः शराब पीने का छोटा सा प्याला
जाम ए जम : ईरान के मशहूर बादशाह जमशेद का प्याला
कूजा:भिन्न/अलग
सदफः शराब पीने का छोटा सा प्याला
जाम ए जम : ईरान के मशहूर बादशाह जमशेद का प्याला
कूजा:भिन्न/अलग
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