एक अधूरे स्वप्न सा
मानो जगा दिया हो
किसी ने
अधूरे ख्वाब में
फिर मुकम्मल नही
हो पाती कोई चीज
सब कुछ रह जाता है
अधूरा
अधूरा दिन
अधूरी रात
अधूरी सुबह
अधूरी शाम
अधूरा काम
अधूरा आराम
अधूरी मुहब्बत
अधूरी चाहत
अधूरी कहानी
अधूरी नज़्म
सब कुछ
अधूरा सा लगता है
अब अपनी जिंदगी में मुकम्मल नही होता कुछ भी अब यहाँ आखिर क्यों?
किस तरह मुकम्मल होगी दास्तान अपने गम की
#शोएबवाणी
मानो जगा दिया हो
किसी ने
अधूरे ख्वाब में
फिर मुकम्मल नही
हो पाती कोई चीज
सब कुछ रह जाता है
अधूरा
अधूरा दिन
अधूरी रात
अधूरी सुबह
अधूरी शाम
अधूरा काम
अधूरा आराम
अधूरी मुहब्बत
अधूरी चाहत
अधूरी कहानी
अधूरी नज़्म
सब कुछ
अधूरा सा लगता है
अब अपनी जिंदगी में मुकम्मल नही होता कुछ भी अब यहाँ आखिर क्यों?
किस तरह मुकम्मल होगी दास्तान अपने गम की
#शोएबवाणी
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